श्रवण कुमार का सुपरहिट भजन - 31 || किस पापी ने तीर मेरे तन में मारया री || भक्त रामनिवास जी

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 वार्ता:-  बताते है जब श्रवण  कुमार चलने से इंकार कर देता है  तब उसके माता पिता ने पूछा अरे बेटा  ये तो बता दे  ये कोन सी जगहे आगयी है  जो तुम हम से किराया मांग रहे हो  तो श्रवण  ने बताया नाता जी ये  मेरठ  सहर है उनोने कहा पुत्र इस शेर से निकल  के चल फिर हम  तेरे को पूरा किराया देंगे उनकी बात म्मान कर श्रवण  पाव  उठा कर चल पड़ता है

 अब मेरठ की सिमा से   भर आते ही श्रवण आपने माता पिता  के  चरणों में गीर जाता   है  और माता पिता से शमा ाचना करता है  की मी से बड़ी भूल हुई मेने आपसे किराया माँगा  तो माता पिता ने कहा बेटा इसमें तेरा को दोष नहीं है  वो भूमि ही ऐसी है  तुम आगे चलो चलते चलते सहरावण  अवध परइ के पास सरयो  नदी के पास  पहोच जाते है  श्रवण   के माता पिता को प्यास लग जीटी है श्रवण से पानी पिने के लिए कहते है  तो श्रृवण  कव को एक बरगद के पेड़ के निचे रख कर के जल भरने जाता है  सरयो  नदी के पास चलता  है  तो बताते है उस बर्तन के  पानी  में बरने लगा  तो गप गप की आवाज से वह बताते है  राजा दशरत साथ में बेटे हुए थे  उन दिनों  बड़े हिंसक  जानवरो ने आतंक मचा रखा था  तो वहा राजा दशरतकिसी जानवर की आवाज सुन कर के  आवाज के ऊपर तीर छोड़ देते है जो जाकर के श्रवण कुमार  को लग जाता है  अब   श्रवण कुमार इस बात के द्वारा कैसे कहे रहा है

अंतरा:1   किस पापी ने तीर मेरे तन में माराया

               किस पापी ने तीर मेरे तन में माराया

               किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

अंतरा:2   इसा रे  कसुाता लागया  झटका

               इसा रे  कसुाता लागया  झटका

              पल  बार भी ना  खाया पटका

                पल  बार भी ना  खाया पटका

                     गया छाती  ने चिर  रे  मेरे तन में माराया

                        किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया 

अंतरा:3            एक धाम होगया घोर अँधेरा

                       एक धाम होगया घोर अँधेरा 

                      पड़ता लावे मंदा   चहेरा 

                      पड़ता लावे मंदा   चहेरा

                     बंद गया मेरा घा सरीर रे  मेरे तन में माराया

                     किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

                      किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

 वार्ता:-  श्रवण कुमार को तीर लगा है और व्हे इस बात के द्वारा उसको पापी पुकार रहा है   क्युकी उसके  माता  पिता अंधे थे तो वो कहे रहा है  की है पापी मेरे पास आ  में तेरे  को एक बात बताउगा  क्या बता रहा है

 अंतरा:4   सुनाता जाइये पापा बन्दे  सुनाता जाइये पापा बन्दे 

               मात पिता  मेरे दोनों अंधे  मात पिता  मेरे दोनों अंधे

              कोन   बंधावे  उनकी धरि रे  मेरे तन में माराया

              कोन   बंधावे  उनकी धरि रे  मेरे तन में माराया

               किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

  अंतरा:5  डग मग डग मग डोले नइया  डग मग डग मग डोले नइया

              किस ने डबो दी आज रे  भइया किस ने डबो दी आज रे  भइया

               फुट गई  तकदीरी  रे  मेरे तन में माराया

             किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

               किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

 वार्ता:-  बतया है की है  भगवान खहे रह अहइ सर्वं कुमार अब कोन मेरी यह सुनेगा  मेरे माता पिता कितनी दूर बैठे है  उनको  कोन पानी पिलायेगा

               कैसे बात कर रहा है

  अंतरा:6 कृष्ण लाल मर  की सुन के

                कृष्ण लाल मर  की सुन के

               दुखिया रोवे गए सर  झूल ले

                दुखिया रोवे गए सर  झूल ले

                  चंदरभान  फ़क़ीर रे  मेरे तन में माराया

                किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

              किस पापी ने तीर रे  मेरे तन में माराया

Varta: Adhyayanarat hai ki jab shravan kumaar saiklon se uchhal kar vaapas aa gae tab unake pita ne poochha ki beta ye to batao ye kaun see jagah hai, jo tumane kaha tha ki ham se udyog maang rahe ho to shravan ne naata jee se Kaha ki ye ‍yuva sahar hai unone putr is sher se nikal ke chal phir ham tere ko pura phaiktree mein apanee baat man kar shravan paav utha kar chal diye

 Ab maata-pita kee maan ne kaha, tere maata-pita ke charan mein giyar nahin hai aise hee tum chalo ab saharaavan avadh paraee ke paas sarayo nadee ke paas pahoch jao shravan ke maata pita ko pyaas lag jaatee hai shravan se Paanee pain ke lie kahana hai to shravan kaav ko ek baragad ke ped ke neeche rakh kar ke jal sanrakshan ke lie sarayo nadee ke paas sthit hai to vahaan maujood taalaabon ke paanee mein barane laga to gaip gaip kee aavaaj se Usane dikhaaya hai ki raaja dasharath ke saath unake bete bhee the, un dinon bade paimaane par hinsak jaanavaron ne aatank macha rakha tha to vaha raaja dasharath koee the. beest kee aavaaj sun kar ke aavaaj ke oopar teer Chhod deta hai jo darshak ke shravan kumaar ko lag jaata hai ab shravan kumaar yah baat kaise kah rahe hain

 Antra:1  Kis paapee ne teer mere tan mein maara

               Kis paapee ne teer mere tan mein maara

               Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

Antra:2   Isa re kasuata lagaya jhataka

               Isa re kasuata lagaya jhataka

                Pal baar bhee na khaany pataakha

                Pal baar bhee na khaany pataakha

                Gaya chest ne chir re mere tan mein maaraaya

                 Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

 Antra:3    Ek dhaam hogaya ghor andhera

                 Ek dhaam hogaya ghor andhera

                 Dekho laave manda chahera

                 Dekho laave manda chahera

                 Band ho gaya mera ga sareer re mere tan mein maaraaya

                  Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

                  Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

 Varta: Shravan kumaar ko teer laga hai aur jab paapee kol karake yah baat bata raha hai ki usake maata-pita andhe ho gae the to vah kah raha hai ki paapee mere paas aur mein tujhe ek baat bataoonga ki kya ho raha hai

Antra:4    Sunaata jae paapa bande sunaata jae paapa bande

                Maata pita mere donon andheree maata pita mere donon andheree

                 Kon bandhaave unakee dhari re mere tan mein maaraaya

                Kon bandhaave unakee dhari re mere tan mein maaraaya

                Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

 Antra:5    Dag mag dag mag dole naiya dag mag dag mag dole naiya

                Kis ne dubo dee aaj re bhaiya kis ne dubo dee aaj re bhaiya

                Phut gaya takadeeree re mere tan mein maaraaya

                 Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

                 Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

Varta:  Bataaya hai ki bhagavaan kahe rah ai sarvan kumaar ab kon meree yah sunega mere pita kitanee door baithe hain yahaan kon paanee kheenchega

Antra:6    Kaisee baat ho rahee hai

              Krshn laal mar kee sun ke

              Krshn laal mar kee sun ke

              Dukhiya rove gae saraghala le

              Dukhiya rove gae saraghala le

              Chandrabhaan faqeer re mere tan mein maaraaya

               Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

               Kis paapee ne teer re mere tan mein maara

 

 

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