Ho Mere Sir Pe Matki Doodh Ki, Ho Mere Sir Pe Matki Doodh Ki

https://www.youtube.com/watch?v=a8BPt9MgjJY

तो उधर से नारद भगवान शिव के पास आते हैं और पार्वती के विषय में बतलाते हैं कि हे भोलेनाथ हिमवान की
कन्या पार्वती आपके प्रेम में लीन है आपको प्राप्त करने के लिए जंगलों के अंदर घोर तपस्या कर रही है तो
भगवान शिव अपनी प्रेम परीक्षा के लिए सब ऋषियों को पार्वती के पास भेजते हैं। पार्वती से जब वो सब ऋषि
मिलते हैं तो पार्वती की दशा देखकर उससे पूछते हैं पुत्री कहाँ घूम रही हो पार्वती ने सब ऋषियों को क्या बतलाया
इस भजन के द्वारा –
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, हो मेरे सिर प मटकी दूध की
हो भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, मेरे सिर प मटकी दूध की
हो भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो मनै ऐसी श्रुति ला लेई
मनै ऐसी श्रुति ला लेई
हो मै तो महलां से बण आ लेई
मै तो महलां से बण आ लेई
हो मनै शिव दर्शन का चाह, मै जोगण शिव नाम की
हो मनै शिव दर्शन का चाह, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, मेरे सिर प मटकी दूध की
भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
इस जग के बंधन तोड़ क
हो इस जग के बंधन तोड़ क
भोले त नाता जोड़ क
हो भोले त नाता जोड़ क

मैं भवसागर तर ज्या, मै जोगण शिव नाम की
हो मैं भवसागर तर ज्या, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, मेरे सिर प मटकी दूध की
भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
मेरा शिव शंकर जटाधारी सै
हो मेरा शिव शंकर जटाधारी सै
उसके शिष मै गंगा प्यारी सै
उसके शिष मै गंगा प्यारी सै
हो मैं तो उसमें मल – मल नहा, मै जोगण शिव नाम की
हो मैं तो उसमें मल – मल नहा, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, मेरे सिर प मटकी दूध की
भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो मनै कोण कह वो बावला
मनै कोण कह वो बावला
सबतै ज्ञान का दीप उजावला
सबतै ज्ञान का दीप उजावला
हो मेरा मन उज्जवल हो जा, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरा मन उज्जवल हो जा, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, मेरे सिर प मटकी दूध की
भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की

हो भोले न नहावण जा, मै जोगण शिव नाम की
हो इस जीव का शिव से मेल है
इस जीव का शिव से मेल है
हो ये प्रेम रत्न की बेल है
ये प्रेम रत्न की बेल है
हो सुण रामकिशन तितला, मै जोगण शिव नाम की
सुण रामकिशन तितला, मै जोगण शिव नाम की
हो मेरे सिर प मटकी दूध की, मेरे सिर प मटकी दूध की

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