तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै ~ Tale Khada Kyu Ruke
Mare~ राजेन्द्र सिंह खरकिया ~ Gopychand ka
kissa
https://www.youtube.com/watch?v=xbT0aXGvJPg
वार्ता :-
तो सज्जनो जब पतम तम ने देखा ये तो तेरा पति गोपी चंद है तो पतम दे ऊपर से वजा लगाती की
महाराज आप तले खड़े खड़े क्यों रुके मारो सो ऊपर आजाओ और आपसे में क्या सवाल जवाब होते
है पतन दे के और गोपी छन के
रागनी:-
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
हेरे एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
हेरे एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के
रागनी :-
सपने आली बात पिया मेरी बिलकुल सच्ची पाई
हेरे बीटा कहे के बिग गए मेरा जोग साफ हो माई
कुकर बेटा कहु जले मेरे सागी नन्द का भाई
हेरे उन नेगा ने छोड़ भचड़ जा दे छोड़ पहलड़ी राही
पिया सोने के मने थल परोसे जिम लिए जी बर के
होये राख गोल के पिग्य साधु हर का नाम सुमार के
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के
रागनी :-
अदम बिछले धोब देखि मेरी मद में बरी जवानी
हेरे मूरख ने दुःख होया करे पर हस के कटे ज्ञानी

मत जोबन के जहल दतनी पिया दर समज ले पानी
होये सुरिये का भी अर्थ रो के दे हो ऐसी बीर बानी हो ऐसी बीर बानी
बिना पति के धत होये बिन कोण दिखा दे तीर के
हाय सब्र का मुका मार लिए तू करड़ी छाती कर के
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के
रागनी :-
कद कड़े ते मेरे पिया तहा राजा छतरी धारी
इब भजन करू और गरु की सेवा बात समज में आरी
सोला रानी मॉस बिठा दी कन्या घर क्वारी
हेरे साधु के लाग बताई काम करे घर बारी काम करे घर बारी
फ्लेम ते पिया मेने मॉस बाद के सर पे
हेरे इस बात का तो रहा फैसला उस सच्चे इस्वर ते
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के
रागनी :-
राज कार्निया मेरा पिया सांता का दाश हो लिया
हेरा सेवा सुकरण सात पैट का पूरा अब्यास हो लिया
तेरे बिन धारा नगरी का सत्या नास हो लिया
सीरी जगन नाथ आपने सतगुरु का चेला खास हो लिया हेरे चेला खास हो लिया
न ते में भी जान गयी मेरा पांडा छूटे मार के
हेरे आनद ते दीं कटा जगाइए गुट सबर की बर के
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के
तलै खड़ा क्यूँ रुके मारै चढ़ जा जीने पर के
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा तले उत्तर के

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अनुवाद के नतीजे
अनुवाद
बातचीत:-
तो सज्जनो जब पटम तम ने देखा ये तो तेरा पति गोपी चंद है तो पतिम दे ऊपर से वाजा
लगाती है महाराज आप के प्रतिष्ठित अनुयायी शिष्यों को क्यों मारो सो ऊपर आजाओ
और आपसे में क्या प्रश्न उत्तर होता है पतन दे के और गोपी छन के
रागनी:-
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
यहाँ एक मुथी मने भिक्षा चिये देक्ज़ा उत्तर के
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
यहाँ एक मुथी मने भिक्षा चिये देक्ज़ा उत्तर के
रागनी :-

सपने में अली बात पिया मेरी बिल्कुल सच्ची पाई
हेरे बेटा कहे के बड़े गए मेरा जोग साफ हो गया
कुकर बेटा कहु जले मेरे सगी नन्द का भाई
अरे उन नेगा ने छोड़ दिया भचड़ जा दे छोड़ दो पहली राही
पिया सोने के मने थल मास्के जिम फॉर जी बार के
होये राख गोल के पिग्य साधु हर का नाम सुमर के
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा सत्य उत्तर के
रागनी :-
आदम बिछड़े धोब देखि मेरी पागल में बरी जवानी
हेरे मूरख ने दुःख होया करे पर हस के कटे ज्ञानी
मत जोबन के झल दतनि पिया दर समझ ले पानी
होये सुरिये का भी अर्थ रो के दे हो ऐसे बीर बानी हो ऐसे बीर बानी
बिना पति के धत होये बिन दिखा कोण दे तीर के
हाय सब्र का मुका मार के लिए तू करडी चेस्ट कर के
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा सत्य उत्तर के
रागनी :-
कद का सवाल ते मेरे पिया ताहा राजा छतरी धारी
इब भजन करू और गुरु की सेवा बात समाज में अरी
सोला रानी मॉस कलाकार दी कन्या घर क्वारी
यहां साधु के लाग बताए गए काम करे घर बारी काम करे घर बारी
फ्लेम ते पिया मेने मोस बाद के सर पे

यहाँ इस बात का तो चल रहा है निर्णय कि सात इस्वर ते
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा सत्य उत्तर के
रागनी :-
राज कार्निया मेरा पिया संता का दाश हो गया
हेरा सेवा सुकर्ण सात पाट का पूरा अब्यास हो गया
तेरी बिन धारा नगरी का सत्य नास हो गया
सीरी जगन नाथ आपने सतगुरु का चेला खा लिया, यहां चेला खा लिया
न ते में भी जान गई मेरा पांडा छूटे मार के
हेरे और ते वैज्ञानिक काटा जगाही गुट साबर की बार के
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा सत्य उत्तर के
तलै खड़े क्यूँ मठ मरै चढ़ाई जा जीने पर
एक मुठी मने भिक्षा चिये देकजा सत्य उत्तर के
baatacheet:-
to sajjano jab patam tam ne dekha ye to tera pati gopee chand hai to patim de oopar se vaaja
lagaatee hai mahaaraaj aap ke pratishthit anuyaayee shishyon ko kyon maaro so oopar aajao aur
aapase mein kya prashn uttar hota hai patan de ke aur gopee chhan ke
raaganee:-
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par
yahaan ek muthee mane bhiksha chiye dekza uttar ke
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par
yahaan ek muthee mane bhiksha chiye dekza uttar ke
raaganee :-
sapane mein alee baat piya meree bilkul sachchee paee
here beta kahe ke bade gae mera jog saaph ho gaya
kukar beta kahu jale mere sagee nand ka bhaee
are un nega ne chhod diya bhachad ja de chhod do pahalee raahee
piya sone ke mane thal maaske jim phor jee baar ke
hoye raakh gol ke pigy saadhu har ka naam sumar ke
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par

ek muthee mane bhiksha chiye dekaja saty uttar ke
raaganee :-
aadam bichhade dhob dekhi meree paagal mein baree javaanee
here moorakh ne duhkh hoya kare par has ke kate gyaanee
mat joban ke jhal datani piya dar samajh le paanee
hoye suriye ka bhee arth ro ke de ho aise beer baanee ho aise beer baanee
bina pati ke dhat hoye bin dikha kon de teer ke
haay sabr ka muka maar ke lie too karadee chest kar ke
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par
ek muthee mane bhiksha chiye dekaja saty uttar ke
raaganee :-
kad ka savaal te mere piya taaha raaja chhataree dhaaree
ib bhajan karoo aur guru kee seva baat samaaj mein aree
sola raanee mos kalaakaar dee kanya ghar kvaaree
yahaan saadhu ke laag batae gae kaam kare ghar baaree kaam kare ghar baaree
phlem te piya mene mos baad ke sar pe
yahaan is baat ka to chal raha hai nirnay ki saat isvar te
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par
ek muthee mane bhiksha chiye dekaja saty uttar ke
raaganee :-
raaj kaarniya mera piya santa ka daash ho gaya
hera seva sukarn saat paat ka poora abyaas ho gaya
teree bin dhaara nagaree ka saty naas ho gaya
seeree jagan naath aapane sataguru ka chela kha liya, yahaan chela kha liya
na te mein bhee jaan gaee mera paanda chhoote maar ke
here aur te vaigyaanik kaata jagaahee gut saabar kee baar ke
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par
ek muthee mane bhiksha chiye dekaja saty uttar ke
talai khade kyoon math marai chadhaee ja jeene par
ek muthee mane bhiksha chiye dekaja saty uttar ke

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